लूट के आरोप में रुड़की से पकड़े गए अय्यूब का इंडियन मुजाहिदीन से निकला कनेक्शन
लूटपाट में रुड़की पुलिस के हत्थे चढ़ा अय्यूब आतंकी गतिविधियों से भी जुड़ा था। एक समय वह पीएसी कैंप पर आतंकी हमले के मास्टर माइंड और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी सलीम पतले का कभी राइटहैंड हुआ करता था। वर्ष 1993 में सलीम पतले के साथ मिलकर ही उसने मेरठ स्थित पीएसी कैंपों में धमाके किए थे। इसमें दोनों के साथ मेरठ का रहने वाला अब्दुल जब्बार भी शामिल था। मामले में पुलिस ने अय्यूब और जब्बार को गिरफ्तार कर लिया था जबकि सलीम पतला फरार हो गया था।
 

वर्ष 1992-93 में हाशिमपुरा दंगे के बाद हापुड़ अड्डे के पास इमलियान के सामने पीएसी की 41वीं वाहिनी कैंप पर 26 जनवरी 1993 को बम से हमला हुआ था। इसमें गाजियाबाद के हवलदार समेत दो जवान शहीद हो गए थे जबकि दो जवान घायल हुए थे। पुलिस जांच में मास्टर माइंड सलीम पतला, अय्यूब और जब्बार के नाम सामने आए थे।

पुलिस ने अय्यूब और जब्बार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि, फरार सलीम पर यूपी पुलिस ने दो लाख का इनाम घोषित किया था। कुछ समय पूर्व 21 साल बाद अय्यूब को कोर्ट ने रिहा कर दिया था। इसी बीच एटीएस ने 31 अक्तूबर 2014 को सलीम को खतौली से गिरफ्तार किया था। फरारी के बाद एजेंसियों की जांच में सामने आया था कि सलीम आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था।


सलीम को भगाने में अहम भूमिका निभाई थी



पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, लूट में रुड़की पुलिस ने जिस अय्यूब को गिरफ्तार किया है, वह आतंकी सलीम पतले का राइटहैंड था। दोनों का घर लिसाड़ी गेट के पास ही है। सलीम पतले और अय्यूब में अच्छी दोस्ती थी।

अय्यूब ने सलीम के साथ मिलकर पीएसी कैंप पर बम से हमला किया था। यही नहीं अय्यूब ने ही सलीम को भगाने में अहम भूमिका निभाई थी और खुद पुलिस के हत्थे चढ़ गया था।

खास बात यह भी है कि अय्यूब 2014 में जेल से रिहा हुआ था और इसी समय यूपी एटीएस ने सलीम की खतौली से गिरफ्तारी की थी। अय्यूब जेल से बाहर आया था तो सलीम जेल के अंदर गया था।

हालांकि, बाद में 2018 में सलीम भी जेल से रिहा हो गया। लूट में अय्यूब की गिरफ्तारी होने के बाद एक बार फिर यूपी और उत्तराखंड पुलिस ने अय्यूब की दोबारा कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। 




क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर करते थे लूट



बता दें कि पुलिस ने रविवार को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों से तमंचे के बल पर लूटपाट करने वाले एक शातिर गैंग का पर्दाफाश किया था। गिरोह के सदस्यों का ताल्लुक वेस्ट यूपी से है। अलबत्ता, एक बदमाश पुलिस को चमका देकर फरार होने में कामयाब रहा। बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने लूट में इस्तेमाल की गई कार, तीन तमंचे, चार जिंदा कारतूस समेत कई लूट का सामान बरामद किया है। चारों बदमाशों को जेल भेज दिया गया है। 


एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने रविवार को लूट का खुलासा करते हुए पत्रकारों को बताया कि बीती 31 दिसंबर को यादवपुरी (रामनगर) क्षेत्र के एक उद्यमी मदनमोहन के घर में हुई लूट में भी इन्हीं बदमाशों का हाथ था। एसएसपी के मुताबिक इस घटना के खुलासे के लिए पांच पुलिसकर्मियों की टीम को लगाया गया था। टीम ने घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और बदमाशों की तलाश के लिए स्केच तैयार कराए। 


इस बीच पुलिस को सीसीटीवी कैमरे में एक संदिग्ध ईको कार दिखाई दी। पुलिस ने कार के आधार पर बदमाशों को चिह्नित किया। बदमाशों के दोबारा किसी वारदात को अंजाम देने आने की मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर रविवार की सुबह रहीमपुर डबल फाटक पनियाला रोड के पास से कार सवार बदमाशों को पकड़ लिया। 

एसएसपी के अनुसार बदमाशों की पहचान रईस अहमद, अनीस अहमद निवासी मोदीनगर (गाजियाबाद), अय्यूब और अजहरुद्दीन निवासी मेरठ के तौर पर हुई है। वहीं, एक बदमाश सलीम उर्फ दीवाना निवासी मेरठ मौके से फरार हो गया। बदमाशों के कब्जे से एक मारुति ईको कार, 315 बोर के तीन तमंचे, चार जिंदा कारतूस, एक मोबाइल, ढाई हजार रुपये की नकदी व आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। 


साथ ही, उद्यमी के घर से लूटे छह सोने के सिक्के, एक सोने की चेन, सोने के दो कंगन और लोहे की तिजोरी भी बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने मंगलौर नारसन के पास तिजोरी फेंक दी थी। पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। 




रुड़की के बाद खतौली में की लूटपाट


बदमाशों ने रुड़की में लूटपाट के बाद यूपी के खतौली स्थित होली चौकी के पास प्रतीक अरोड़ा के घर में लूटपाट की। उन्होंने यहां से 20 हजार नकद, दो सोने की अंगूठी, पांच मोबाइल लूटे थे। चार मोबाइल घर के बाथरूम में फेंक एक मोबाइल ले गए थे। 

शाम को पांच से सात बजे करते थे वारदात
बदमाश शाम को पांच से सात बजे के बीच वारदात को अंजाम देते थे। बदमाशों ने मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बरेली में भी लूट की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की। 

बम ब्लास्ट के मामले में जेल जा चुका है रईस 
लूट में शामिल बदमाश रईस अहमद 1993 में मेरठ में हुए बम ब्लास्ट के मामले में भी जेल जा चुका है। उस पर टाडा एक्ट लगा था। वह मेरठ जेल में करीब बीस साल सजा काट चुका है। तीन महीने पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। एसएसपी ने बताया कि रईस के खिलाफ हत्या, लूट समेत 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह लिसाड़ी गेट थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। अय्यूब, अजहरुद्दीन पर भी कई मामले दर्ज हैं। 

रिमांड पर लेने पहुंची खतौली पुलिस
सूचना पर खतौली पुलिस भी बदमाशों को रिमांड पर लेने रविवार को गंगनहर कोतवाली पहुंची। खतौली निवासी पीड़ित प्रतीक अरोड़ा भी खतौली पुलिस के साथ रुड़की पहुंचे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना के संबंध में जानकारी दी। 



23 जवानों के बीच से कैसे निकला एक बदमाश? 



गंगनहर कोतवाली पुलिस रविवार सुबह लूट में शामिल चार बदमाशों को रुड़की के पनियाला रोड से गिरफ्तार करती है। इस दौरान सलीम उर्फ दीवाना नाम का एक बदमाश 23 जवानों को चकमा देकर फरार हो जाता है।

 

पुलिस की इस थ्योरी ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि एक बदमाश हथियार बंद जवानों को आसानी से चकमा देकर कैसे फरार हो गया? सवाल यह भी है कि चार बदमाशों को पकड़ने का श्रेय एक इंस्पेक्टर, एक सीआईयू प्रभारी, सात उपनिरीक्षकों, एक हेड कांस्टेबल और 13 कांस्टेबलों को दिया गया, लेकिन लापरवाही के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।

लूटपाट में अय्यूब के पकड़े जाने के बाद पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। वह ब्लास्ट की घटना में भी शामिल था। इसलिए पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। साथ ही मेरठ पुलिस से संपर्क कर छानबीन कर रही है।
-एसके सिंह, एसपी देहात